Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र की शुरुआत आज से हो चुकी है.
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
मांग सिन्दूर बिराजत, टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूं।
बाजत ताल मृदंगा, और बाजत डमरू।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
तुम हो जग की माता, तुम ही हो भर्ता।
भक्तन की दुख हरता, सुख सम्पति करता।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
भव सागर तारण, कारण हे एक।
जो तुम पलट करो, वह सकल सुख एक।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
सदा जय मंगल मूर्ति, श्री मंगलचण्डी।
सदा सुखदायिनी, मंगल करनी।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
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